मेरे पड़ौसी के घर में कोई हादसा हुआ है आज
मेरे पड़ोसी के घर कोई हादसा हुआ है आज।
वो रोज़ ढोल धमाकों की आवाज़ से मेरी नींद ख़राब करता है,
कुछ बोलो तो आँखे दिखाता है।
उसके घर में सब ऐसे नहीं है, कुछ लोग समझदार भी है,
माँ है, बच्चे है और भी कईं लोग है।
बस वो ही बात को कुछ बनने नहीं देता।
परसो घर में मेहमान आये थे,
उन्ही से थोड़ी शक्कर मंगवाई थी,
और उसकी बेटी की शादी में,
मैंने भी गैस के 2 सिलिंडर भिजवा दिया थे।
हम दोनों ही खुश नहीं है,
यह तो तय है।
बच्चे भी कंफ्यूज है।
उसके घर जब बिरयानी बनती है
तो महक मेरे ड्राइंग रुम तक आती है।
बहुत स्वादिष्ट खाना बनती है उसकी माँ।
और मेरे घर में जब बॉलीवुड के गाने बजते है,
तो उसके बच्चे झूम उठते है।
कभी हमारे बच्चे लड़ाई,
गाली गलौची करते नज़र आते है,
तो कभी गली में प्लास्टिक की बाल से
क्रिकेट भी खेलते पाये जाते है।
कंफ्यूज है वो बेचारे।
आज उसके घर में सन्नाटा है,
उसके बच्चे भी कही दिखाई नहीं दे रहे।
मेरे घर में भी ख़ामोशी छा गई है
बच्चे स्कूल से लौटे नहीं है उसके अभी तक।
घर पर काफी भीड़ भी है उसके,
फिर भी बच्चे नदारद है।
सोच रहा था मिल लूं आज जाकर उसे,
फिर सोचा रहने देता हूँ।
मेरे पड़ोसी के घर कोई हादसा हुआ है आज।
ऐसा लगता है मेरे ही घर की बात है ।
शहर में और भी कई घरों में भीड़ है,
लगता है स्कूलों की छुट्टी हुई नहीं है अभी तक।
अजीब बात है।
वो रोज़ ढोल धमाकों की आवाज़ से मेरी नींद ख़राब करता है,
कुछ बोलो तो आँखे दिखाता है।
उसके घर में सब ऐसे नहीं है, कुछ लोग समझदार भी है,
माँ है, बच्चे है और भी कईं लोग है।
बस वो ही बात को कुछ बनने नहीं देता।
परसो घर में मेहमान आये थे,
उन्ही से थोड़ी शक्कर मंगवाई थी,
और उसकी बेटी की शादी में,
मैंने भी गैस के 2 सिलिंडर भिजवा दिया थे।
हम दोनों ही खुश नहीं है,
यह तो तय है।
बच्चे भी कंफ्यूज है।
उसके घर जब बिरयानी बनती है
तो महक मेरे ड्राइंग रुम तक आती है।
बहुत स्वादिष्ट खाना बनती है उसकी माँ।
और मेरे घर में जब बॉलीवुड के गाने बजते है,
तो उसके बच्चे झूम उठते है।
कभी हमारे बच्चे लड़ाई,
गाली गलौची करते नज़र आते है,
तो कभी गली में प्लास्टिक की बाल से
क्रिकेट भी खेलते पाये जाते है।
कंफ्यूज है वो बेचारे।
आज उसके घर में सन्नाटा है,
उसके बच्चे भी कही दिखाई नहीं दे रहे।
मेरे घर में भी ख़ामोशी छा गई है
बच्चे स्कूल से लौटे नहीं है उसके अभी तक।
घर पर काफी भीड़ भी है उसके,
फिर भी बच्चे नदारद है।
सोच रहा था मिल लूं आज जाकर उसे,
फिर सोचा रहने देता हूँ।
मेरे पड़ोसी के घर कोई हादसा हुआ है आज।
ऐसा लगता है मेरे ही घर की बात है ।
शहर में और भी कई घरों में भीड़ है,
लगता है स्कूलों की छुट्टी हुई नहीं है अभी तक।
अजीब बात है।
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