जब अटल जाता है

तू तू है, मैं मैं हूँ
तू अलग मैं अलग,
रोज़ाना...

मगर दुःख के पलों में ये
मंज़र बदल जाता है,

भीगी आँखे लिए,
हाथ थामें बिलखते है दोनों...

जब कलाम जाता,
जब अटल जाता है ।






संदर्भ

आदरणीय, श्री अटल विहारी वाजपेयीजी के स्वर्गवास पर उनके प्रेम एवं शोक में उनकी एवं आदरणीय डॉ. APJ अब्दुल कलामजी की लोकप्रियता पर लिखी कुछ पंक्तियाँ ।

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