जब अटल जाता है
तू तू है, मैं मैं हूँ
तू अलग मैं अलग,
रोज़ाना...
मगर दुःख के पलों में ये
मंज़र बदल जाता है,
भीगी आँखे लिए,
हाथ थामें बिलखते है दोनों...
जब कलाम जाता,
जब अटल जाता है ।
तू अलग मैं अलग,
रोज़ाना...
मगर दुःख के पलों में ये
मंज़र बदल जाता है,
भीगी आँखे लिए,
हाथ थामें बिलखते है दोनों...
जब कलाम जाता,
जब अटल जाता है ।
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