कोई नहीं
चौके सब , बूझे कुछ , पर समझा कोई नही । निकले सब , भागे कुछ , पर पहुंचा कोई नही । उपर सब , बाहर कुछ , पर भीतर कोई नहीं । मांगे सब , छीने कुछ , पर पाए कोई नहीं । रुके सब , छुपे कुछ , पर बचा कोई नहीं । चहके सब , चीखे कुछ , पर बोला कोई नहीं । डिगे सब , जागे कुछ , पर उठा कोई नहीं । बिछड़े सब , याद कुछ , पर छूटा कोई नहीं । याद सब , पास कुछ , पर साथ कोई नहीं । आए सब , रुके कुछ , पर रहा कोई नहीं ।